Editor's Desk | 11 October 2022, 08:43 AM IST

12 Rules For Life By Jordan B. Peterson Book Summary

12 Rules For Life Book Summary

किताब के बारे में
इस किताब में आप जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के
12 रूल्स जानेंगे जो आपको सिखाएंगे कि खुश कैसे रहा जाए। लोगों के साथ में अच्छे रिश्ते कैसे बनाएं। अच्छे पेरेंट्स कैसे बने। अपनी लाइफ में पर्पज कैसे ढूंढे। और ऐसे ही 12 रूल्स जो आप इस बुक में जानेंगे।
ये बुक किसे पढ़नी चाहिए
यह बुक उनको पढ़नी चाहिए जो अपनी जिंदगी को और बेहतर बनाना चाहते हैं। जो अपनी लाइफ को मीनिंगफुल बनाना चाहते हैं।
ऑथर के बारे में
जॉर्डन पीटरसन एक साइकोलॉजिस्ट है। जॉर्डन अपने ब्लॉग, पॉडकास्ट और ऑनलाइन कोर्स के जरिए लोगों की मदद करते हैं एक बेहतर लाइफ जीने के लिए। 12 रूल्स फॉर लाइफ यह उनकी इंटरनेशनल बेस्ट सेलर बुक हैं।
इस बुक की खास लर्निंग
1. अपने कंधों को पीछे करके सीधे खड़े हो जाएं
जब आप झुक कर चलते हो या झुक कर बैठते हो तो आपका मूड भी वैसा ही हो जाता है। एक कॉन्फिडेंट इंसान वो होता है जो हमेशा कंधों को पीछे करके सीधा चलता है और हमेशा एक सही बॉडी के आकार में रहता है। जब आपका शरीर ही झुका हुआ होगा तो आप भी अपने आप को झुका हुआ ही फील करेंगे। जब हम किसी चीज से दुखी होते हैं तो हम अपनी बॉडी का आकार भी वैसा ही बना देते हैं। और इससे हम और ज्यादा दुखी हो जाते हैं। इसका रीजन यह है कि जब हमारी बॉडी सही आकार में होती है तो हमारे अंदर हैप्पीनेस और पॉजिटिविटी के हारमोंस रिलीज होते हैं जिससे हम अच्छा महसूस करते हैं। और वही अगर हम झुके हुए रहेंगे तो हमें वैसे ही हारमोंस मिलेंगे जो हमें और दुखी कर देंगे इसलिए हमेशा अपनी बॉडी को सही आकार में रखें।
2. अपने आप से ऐसा व्यवहार करें जैसे कि आप किसी की मदद करने के लिए जिम्मेदार हैं
बात अगर हमारे परिवार की केयर करने की आती है तो हम उससे पीछे नहीं हटते हैं लेकिन जब हमारी खुद की केयर करने की बात आती है तो उसे हम अच्छी तरह से नहीं निभाते हैं। अगर आपके परिवार में कोई बीमार हो जाता है तो आप उसे जल्दी से जल्दी ठीक करने की कोशिश करते हैं। उन्हें डॉक्टर के पास ले जाते हैं उन्हें अच्छे से खाना खिलाते हैं टाइम से दवाई देते हैं। लेकिन जब आपकी तबीयत खराब हो जाती है तो आप खुद उतने ही अच्छे से दवाई ले पाते हैं? शायद नहीं। यहां पर आपको यह समझना है कि जितना प्यार आप अपने परिवार से करते हैं उतना ही खुद से करने की कोशिश करें। जितनी केयर आप अपने परिवार की करते हैं उतनी ही खुद की करें। हेल्दी खाना खाए और एक अच्छी लाइफ जिए और खुद से प्यार करें।
3. ऐसे लोगों से दोस्ती करें जो आपके लिए सबसे अच्छा चाहते हो
आपने यह तो सुना ही होगा कि जैसी संगत वैसी रंगत। अगर आपके दोस्त ऐसे लोग हैं जिनकी लाइफ में कोई पर्पज नहीं है, कोई लक्ष्य नहीं है, आलसी है तो यह आपके लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। लेकिन आपके पास पूरी चॉइस है कि आप कैसे लोगों के साथ रहें और कैसे लोगों के साथ दोस्ती करें। इसलिए हमेशा ऐसे लोगों को दोस्त बनाएं जो हमेशा पॉजिटिव सोच रखते हो। जो आपको किसी भी तरह से जरूरत पड़ने पर हेल्प कर सके और आपको हमेशा मोटिवेट करें। आपकी लाइफ में सही दोस्तों का होना बहुत मायने रखता है क्योंकि आपके दोस्त आपके मुश्किल वक्त में काम आते हैं। और आपकी हर तरह से हेल्प भी करते हैं। इस बात को हमेशा ध्यान रखें कि जैसे लोगों के साथ आपकी दोस्ती होगी आपकी सोच भी वैसी ही होगी और जैसी आपकी सोच होगी वैसी आपकी लाइफ भी होगी।
4. अपनी तुलना इस बात से करें कि आप कल कौन थे, न कि आज कोई और कौन है
अगर आप लोगों की सक्सेस से खुद को कंपेयर करते हैं तो आप खुद को दुखी कर लेंगे। इससे बेहतर यह होगा कि आप खुद से कंपेयर करें जो आप कल थे उस से बेहतर बनने की कोशिश करें। जब आप किसी और से कंपेयर करने की जगह खुद से कंपेयर करते हैं कि आप आज क्या है? और कल क्या थे? तो आपको पता चलता है कि क्या चीज है जिसे आपको इंप्रूव करना है। किसी और से कंपेयर करने की बजाए अपने आप से कंपेयर करें और अपनी स्किल्स को, अपनी स्ट्रैंथ को और बेहतर बनाने पर ध्यान दें। खुद के अंदर कमियां निकालना बंद करें और अपने टाइम और एनर्जी को उन कमियों को स्ट्रैंथ में बदलने पर लगाएं। जब आप दूसरों से कंपेयर करते हैं तो आपको नेगेटिव फील होता है आपको जलन होने लगती है उन लोगों से। और आपका कॉन्फिडेंस भी कम हो जाता है। आपको सिर्फ खुद के काम से प्यार करना है और उस काम को हर दिन बेहतर बनाने पर फोकस करना है।
5. अपने बच्चों को ऐसा कुछ भी न करने दें जो उन्हें नापसंद हो
बच्चों का बचपन ही एक ऐसा समय होता है जिसमें हम उन्हे अच्छी आदतें सिखा सकते हैं जो उन्हें पूरी जिंदगी भर काम आए। बच्चों को सही हैबिट्स सिखाना और उन्हें सही शिक्षाए देना पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती है। पेरेंट्स को यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जैसा व्यवहार वो खुद उनके साथ करेंगे वैसा ही व्यवहार लोग उनके साथ करेंगे। एक पेरेंट्स को हमेशा अपने बच्चों को कुछ नया जानने और सीखने के लिए खुला छोड़ना चाहिए ताकि वो नई चीजें सीख पाए। लेकिन इसके साथ उनकी निगरानी भी रखनी है ताकि कहीं वो गलत ट्रैक पर ना चले जाए। कभी भी अपने बच्चों को फिजिकली हर्ट ना करें। अगर उनसे कोई गलती होती है तो उन्हें अकेले में समझाएं ना कि लोगों के सामने। अपने बच्चों को प्यार और विश्वास के साथ में अनुशासित करें। बच्चों को मारने की जगह उनसे प्यार करें उनके साथ वक्त बिताए जिससे आपका एक अच्छा रिश्ता बने उनके साथ। इस बात को हमेशा याद रखें कि जैसा व्यवहार आज आप अपने बच्चों के साथ करेंगे वैसा ही व्यवहार कल वो आपके साथ करेंगे।
6. दुनिया की आलोचना करने से पहले अपना घर संभाले  
अगर आपको इस दुनिया को बदलना है तो पहले आपको खुद को बदलना होगा। जब आप इस दुनिया में क्या गलत हो रहा है किन चीजों की कमी है उन पर फोकस करते हैं तो आपको ऐसा लगता है कि हर चीज बेकार है। आप इस दुनिया को जिस नजर से देखते हैं वैसे ही ये दुनिया आपको दिखेगी। दुनिया की बुराई करने की जगह खुद की बुराइयों को अच्छाई में बदलने पर ध्यान दें। जो चीज आपके कंट्रोल में नहीं है उन पर अपना टाइम बर्बाद ना करें। अपना समय अपने काम को और बेहतर करने पर लगाएं। जो बुरी आदत आपके अंदर है उनको बदलने पर फोकस करें। अपना समय अपनी लाइफ को और बेहतर करने में लगाए ना कि इस दुनिया की कमियां निकालने में। अपना समय अपने परिवार की खुशियों में दें। आप क्या नया कर सकते हैं आप क्या नई चीजें सीख सकते हैं उन चीजों पर अपना समय और एनर्जी लगाएं। इस बात की गांठ बांध ले कि दुनिया की कमीयो को आप ठीक कर पाए या नहीं कर पाए लेकिन आप अपनी कमियों को ठीक कर सकते हैं।
7. वह हासिल करने की कोशिश करें, जो अर्थपूर्ण हो, न कि जो सुविधाजनक हो
लाइफ में जब भी प्रॉब्लम आती है तो हमारा दुखी और परेशान होना एक आम बात है। लेकिन दुखी और परेशान होने से उस प्रॉब्लम का सलूशन तो नहीं निकलेगा। किसी भी प्रॉब्लम का सलूशन निकालने के लिए हमें उस पर शांति से सोच विचार करने की जरूरत होती है। अगर आप किसी प्रॉब्लम के आने पर घबरा जाते हैं तो आप उस प्रॉब्लम का सलूशन नहीं निकाल पाएंगे। जब किसी इंसान को कुछ करने का लाइफ में एक पर्पज मिल जाता है तो वो अपनी लाइफ को एक मीनिंगफुल लाइफ बना पाता है। आप एक मीनिंगफुल लाइफ जीना चाहते हैं या नहीं यह पूरी तरह से आपकी चॉइस है। लाइफ में हमारे साथ अच्छा और बुरा तो होता रहता है लेकिन उसमें से हम किस चीज पर ध्यान दे वो पूरी तरह से हमारे हाथ में होता है। आप एक अच्छे इंसान बनते हैं या एक बुरे इंसान यह पूरी तरह से आप ही का चुनाव होता है। आप एक अच्छे कैरेक्टर वाले इंसान होंगे या एक बुरे कैरेक्टर वाले यह भी पूरी तरह से आपके ऊपर डिपेंड करता है।
8. सच बोलो या, कम से कम, झूठ मत बोलो
अगर आपको लाइफ में कुछ बड़ा करना है तो सच बोल दो। जब आप किसी को झूठ बोलते है चाहे उसके भलाई के लिए फिर भी वो एक झूठ ही होता है। जब हम बार बार छोटी-छोटी चीजों के लिए झूठ बोलते हैं तो हमारी यही आदत बड़े-बड़े झूठ बोलने में बदल जाती है। और यही चीज आपको एक कमजोर इंसान बनाती है। जब आप किसी से झूठ बोलते हैं और उसे किसी तरह से सच का पता चल जाता है तो वहां पर आपको और ज्यादा दुख होता है। आप चाहे सच को कितना ही छुपाने की कोशिश करें लेकिन वो एक टाइम पर तो बाहर आ ही जाता है। और उस वक्त वो और भी ज्यादा प्रॉब्लम क्रिएट कर देता है। किसी झूठ को छुपाने से अच्छा यही है कि हम सच बोल दें। कभी भी अपने दोस्तों या अपने परिवार वालों से झूठ न बोलें यह सोच कर कि उन्हें कहीं अच्छा नहीं लगे। उन्हें सच बता दे शायद उनके लिए भी वही ठीक हो। कई बार झूठ बोलना हमारे लिए और सामने वाले इंसान के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता है। इसलिए हमेशा सच बोलने की कोशिश करें।
9. मान लें कि आप जिस व्यक्ति को सुन रहे हैं, वो कुछ ऐसा जानता है जो आप नहीं जानते हैं
बिना बोले किसी की बात को पूरे दिल से सुनना इसे कहते हैं बिना बोले कम्युनिकेट करना। हम सब चाहते हैं कि हमारी बात को कोई ध्यान से सुने लेकिन जब यह बात हमारे ऊपर आती है तो शायद हम इसे इतने अच्छे से फॉलो नहीं कर पाते हैं। अगर आपको कोई इंसान कुछ बता रहा है तो उसे पूरे दिल से सुनने की कोशिश करें। भले ही आपका उस में इंटरेस्ट न हो ऐसा करने से सामने वाला इंसान आपकी रिस्पेक्ट करेगा। एक सही कम्युनिकेशन का मतलब यह होता है कि आपकी बात सामने वाले इंसान को अच्छे से समझ आ जाए। और सामने वाला इंसान आपकी बात को तभी अच्छे से समझ पाएगा जब वो आपकी बात को सही तरीके से सुनेगा और यही सेम चीज आपके ऊपर भी लागू होती। जब भी आप किसी से बात करें तो उनकी बातों को ध्यान से सुने उन्हें ये जताए कि आप उनकी प्रॉब्लम समझ रहे हैं। बोलने वाला इंसान आपके हाव-भाव को देखकर यह समझ जाता है कि आप उनकी बातों में इंटरेस्टेड है या नहीं है।
10.  सटीक और स्पष्ट शब्दों का उपयोग करें 
सक्सेसफुल लोगों की आदत होती है कम से कम शब्दों में अपनी बात को समझाना। जब आप किसी बात को बेवजह छोटा या बड़ा करके समझाते है तो वो बात अच्छे से किसी को समझ नहीं आती है। जो भी आप कहना चाहते हैं या समझाना चाहते हैं उसे क्लियर और सटीक तरीके से समझाने की कोशिश करें। किसी भी प्रॉब्लम को छोटा या बड़ा करके ना बताएं इससे आप उस प्रॉब्लम को सॉल्व नहीं कर पाएंगे। जो प्रॉब्लम वास्तव में है उसे सटीक तरीके से बताएं। जब आप अपनी बात को सटीक तरीके से किसी के सामने रखते हो तो सामने वाला इंसान उस बात या प्रॉब्लम को अच्छे से समझ पाता है। जब हम किसी प्रॉब्लम को समझ जाते है तो उसे सॉल्व करना बहुत आसान होता है। इसलिए कभी भी अपनी प्रॉब्लम को छोटा या बड़ा करके ना बताएं जो भी बात आप सामने वाले को बताना चाहते हैं उसे क्लियर कट कहें। इससे सामने वाला इंसान आपकी बात को अच्छे से समझ लेगा। और ऐसा करने से आप किसी भी प्रॉब्लम को सॉल्व करने का कोई ना कोई तरीका निकल पाएंगे।
11. जब बच्चे स्केटबोर्डिंग कर रहे हो तो उन्हें परेशान न करें
अगर आप जरूरत से ज्यादा अपने बच्चों को प्रोटेक्टिव करने की कोशिश करते हैं तो उनकी किसी भी काम में अच्छे से प्रैक्टिस नहीं हो पाएगी। जब आप उनकी हर प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं तो वह आपके ऊपर डिपेंड हो जाते हैं। इससे वह खुद कभी भी सही डिसीजन नहीं ले पाते हैं। अपने बच्चों को पूरी आजादी के साथ खेलने दे उनके खेल पर कभी भी रोक लगाने की कोशिश ना करें। बेशक आपको उनकी चिंता है लेकिन जब तक वह खुद किसी प्रॉब्लम का सामना नहीं करेंगे तब तक वह आपके ऊपर ही डिपेंड रहेंगे। अपने बच्चों को हर एक सिचुएशन को हैंडल करना सिखाए। ताकि आपका बच्चा आपके ऊपर डिपेंड ना रहे और किसी भी सिचुएशन को सही तरीके से हैंडल कर पाए। अपने बच्चे को हर काम में इंडिपेंडेंट बनाने की कोशिश करें ताकि जब आप उनके साथ नहीं भी हो तब भी वह हर एक प्रॉब्लम को सॉल्व कर पाए।
12. अगर रास्ते में कोई बिल्ली नजर आए तो उसे पाल लें
कई बार हम अपने काम में इतने बिजी हो जाते हैं कि हमें खुद के और फैमिली के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। हम लाइफ में जो कुछ भी करते हैं हमारे खुद के लिए करते हैं लेकिन फिर भी हम खुद को समय नहीं दे पाते हैं। क्या आपको पता है लास्ट टाइम आपने कब नेचर के साथ अकेले में टाइम स्पेंड किया था। खुद के साथ वक्त बिताएं और छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढने की कोशिश करें। कभी कभी छोटे बच्चों के साथ या पशु पक्षियों के साथ भी अपना समय बिताए इससे आपको पॉजिटिविटी मिलेगी और ख़ुशी का एहसास होगा। इसलिए काम के साथ-साथ खुद के साथ समय बिताना भी बहुत जरूरी होता है। आप अपने काम से थोड़ा ब्रेक लेकर अपने आप को और प्रोडक्टिव बना सकते हैं। जिससे आपके पास और नई चीजें करने के आइडियाज होंगे। अगर आप खुद को समय देंगे तो आप और भी ज्यादा प्रोडक्टिव रहेंगे और अपना काम को पहले से और भी ज्यादा बेहतर तरीके से कर पाएंगे।
12 Rules For Life By Jordan B. Peterson

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