Editor's Desk | 27 October 2022, 01:03 PM IST

The Psychology Of Money By Morgan Housel Book Summary

The Psychology Of Money Book Summary

किताब के बारे में
इस किताब में आप सीखेंगे की पैसा कमाने के लिए स्मार्ट होने से ज्यादा जरूरी है कि आप पैसों के साथ कैसे बिहेव करते हैं। आप सीखेंगे की पैसों का बेहतर इस्तेमाल कैसे करें? पैसे कमाने के लिए किन स्किल्स की जरूरत होती है? अमीर लोग अपने पैसे को कैसे मैनेज करते हैं? पैसों से जुड़े सही डिसीजन कैसे ले? पैसों की सही वैल्यू कैसे करें? इस बुक में आप सीखेंगे कि अमीर कैसे बना जाए और वेल्थ को बरकरार कैसे रखा जाए।
यह किताब किसे पढ़नी चाहिए
यह बुक उन लोगों को जरूर पढ़नी चाहिए जो अमीर बनने के साथ अमीरी को कायम रखना चाहते हैं। जो पैसों का सही तरह से इस्तेमाल करना चाहता है। जो पैसे कमाने की स्किल्स सीखना चाहता है। जो पैसों से जुड़े सही डिसीजन लेना सीखना चाहता है। और जो पैसों के साथ सही व्यवहार कैसे करें वो सीखना चाहता है।
ऑथर के बारे में
Morgan housel एक ऑथर और इन्वेस्टर है। मॉर्गन कोलैबोरेटिव फंड के पार्टनर भी है। इन्होंने 10 से ज्यादा देशों में 100 कॉन्फ्रेंस की है। मॉर्गन ने दो बार बिजनेस अवार्ड भी जीता है। मॉर्गन सायकोलॉजी ऑफ मनी के अलावा बाकी बुक के भी ऑथर हैं।
इस किताब की खास लर्निंग
1. फाइनेंशियल सक्सेस एक सॉफ्ट स्किल है
ऑथर जब कॉलेज में थे तो पैसे कमाने के लिए वेटर की जॉब करते थे। जिस होटल में वो जॉब करते थे वह एक आलीशान होटल था। एक बार वहां एक गेस्ट आया जो अक्सर उस होटल में आता रहता था वह एक टेक्नोलॉजी एग्जीक्यूटिव था और वो भी काफी तेज दिमाग वाला। इस लड़के ने 20 साल की उम्र में ही वाई-फाई राउटर के लिए एक की कंपोनेंट डिजाइन करके उसे पेटेंट करवा लिया था। उस यंग मिलिनेयर ने कई सारी टेक कंपनी स्टार्ट की और बाद में उन्हें बेच दिया। वह काफी कामयाब और सक्सेसफुल था लेकिन पैसों के मामले में थोड़ा मूर्ख था।
वह हमेशा अपने साथ $100 की गड्डी लेकर घूमता था। वह पैसे वो हर किसी को दिखाता था चाहे वह देखना चाहते हो या नहीं। जब वो नशे में होता था तो पैसों की बड़ी-बड़ी डींगे मारता था। एक दिन उसने मेरे साथ काम करने वाले को कई हजार डॉलर दिए और उसे कहा कि गली में जो सोनार की दुकान है वहां से $1000 के कुछ सोने के सिक्के लेकर आओ। फिर इस लड़के ने इन सिक्कों को अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनोरंजन के लिए समुद्र में फेंक दिए। कुछ दिनों बाद उस यंग मिलिनेयर ने होटल के अंदर एक लैंप को तोड़ दिया।
एक मैनेजर ने उससे कहा कि वो $500 का लैंप था और उसे उसकी भरपाई करनी होगी। उस यंग मिलिनेयर ने गुस्से में जेब से नोटों की गड्डी निकालकर मैनेजर को देते हुए कहा यह लो $5000 अब मेरे सामने से दफा हो जाओ और फिर कभी दोबारा इस तरह मेरी इंसल्ट मत करना। आप सोच रहे होंगे आखिर उस यंग मिलेनियर का क्या हुआ होगा? वो यंग मिलिनेयर कुछ सालों बाद दिवालिया हो गया। इस कहानी से हमें समझ आता है कि पैसों से हम सब कुछ खरीद सकते हैं लेकिन अच्छा व्यवहार नहीं खरीद सकते।
चलिए एक और इंट्रस्टिंग कहानी सुनते हैं। रोनाल्ड रीड एक छोटे से गांव में पैदा हुआ था। वो अपने परिवार में से हाई स्कूल पास करने वाला पहला इंसान था। और उससे भी इंटरेस्टिंग बात ये थी कि वो हर दिन लोगों से लिफ्ट मांग कर स्कूल जाया करते थे। रोनाल्ड रीड ने एक साधारण सा जीवन जिया था। रोनाल्ड ने 25 साल तक एक गैस स्टेशन में गाडियां रिपेयर करने का काम किया और 17 साल तक जे.सी पेने में फर्श पर झाड़ू लगाने का काम किया। 38 साल की उम्र में रोनाल्ड ने $12000 में एक दो बेडरूम वाला घर लिया और अपना पूरा जीवन उसी में बिताया।
रोनाल्ड की शादी भी हुई लेकिन कोई बच्चा नहीं हुआ। जब वो 50 साल के हुए तो उनकी वाइफ भी चल बसी थी और रोनाल्ड ने दोबारा शादी नहीं की। रोनाल्ड के एक दोस्त का कहना है कि उनका शौक लकड़ियां काटना था। 2014 में रोनाल्ड 92 साल की उम्र में गुजर गए थे। रोनाल्ड की कुल संपत्ति 8 मिलियन डॉलर थी। उसने 2 मिलियन डॉलर अपने सौतेले बच्चों के लिए छोड़े और 6 मिलियन डॉलर एक लोकल हॉस्पिटल और लाइब्रेरी को दान कर दिए थे। जो लोग रोनाल्ड रीड को जानते थे वो लोग चौक गए की रोनाल्ड के पास आखिर इतना पैसा कहां से आया?
बाद में लोगों को पता चला कि इसका कोई सीक्रेट नहीं है। न तो रोनाल्ड ने कोई लॉटरी जीती थी। और न ही उन्हें यह पैसा विरासत में मिला था। रीड ने तो बस जितने पैसों की बचत हो सकती थी उतने पैसों की बचत की और उन्हें ब्लू चिप स्टॉक्स में इन्वेस्ट किया बस इतनी सी बात थी। रीड ने सालों साल अपने पैसे को कंपाउंड होने दिया और उसकी मृत्यु के समय उसके पास 8 मिलियन डॉलर हो गए। तो समझ आया आपको की क्या पावर होती है कंपाउंडिंग की।
अब एक और कहानी सुनते हैं उस आदमी की जो रोनाल्ड रीड से बिल्कुल अलग था। रिचार्ड फुसकोन मेरिल लिंच में एक एग्जीक्यूटिव था। रिचार्ड ने हार्वर्ड से एम.बी.ए किया था। उसने अपने बिजनेस में इतनी सफलता हासिल की कि वो 40 की उम्र में रिटायर हो गया। क्रेंस बिजनेस मैगजीन ने एक बार उसे सक्सेसफुल बिजनेसमैन की 40 अंडर 40 की लिस्ट में शामिल किया। फुसकोन का कनेक्टीकट में एक 18,000 स्क्वायर फिट का घर था जिसमें दो स्विमिंग पूल, दो लिफ्ट, सात गैराज और 11 बाथरूम थे। इस घर के मेंटेनेंस का खर्चा ही $90000 महीना था। और इसकी मेंटेनेंस करने के लिए रिचर्ड ने काफी सारा लोन लिया था।
लेकिन फिर रिचार्ड की लाइफ में सब बिखर कर रह गया उस आदमी की तरह जो सोने के सिक्कों को पानी में फेंका करता था। 2008 में फाइनैंशल क्राइसिस के कारण रिचार्ड ने सब कुछ खो दिया। रोनाल्ड रीड और रिचार्ड फुसकोन की कहानी से हमने क्या सीखा? रोनाल्ड रीड और रिचार्ड फुसकोन मैं क्या अंतर था? रोनाल्ड रीड धैर्यवान थे और रिचार्ड फुसकोन लालची था। तो अब आप को समझ आया कि फाइनेंसियल सक्सेस कोई साइंस नहीं है। बल्कि एक सॉफ्ट स्किल है जो कोई भी सीख सकता है। इसके लिए यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि आपके पास बड़ी डिग्री हो। यहां पर रोनाल्ड रीड जैसे साधारण लोग भी सक्सेसफुल हो सकते हैं।
यहां पर आप पैसों के साथ कैसे बिहेव करते हैं वो मैटर करता है न की आप क्या जानते है। आप चाहे कुछ भी करते हो आप भी अमीर बन सकते हो बस आपको पैसों के साथ सही तरह से बिहेव करने की जरूरत है। और यह एक कला है जिसे आप सीख सकते हो।
2. कोई भी मूर्ख नहीं है
इस दुनिया में कोई भी इंसान पागल नहीं है। आप पैसों को लेकर जो डिसीजन लेते हैं वो आपके लिए सही हो सकता है लेकिन किसी और के लिए बिल्कुल गलत हो सकता है। और किसी और के लिए जो डिसीजन सही है वो आपके लिए बिल्कुल गलत हो सकता है। क्योंकि आप जो भी डिसीजन लेते हैं वो आप अपने पास्ट के एक्सपीरियंस के आधार पर लेते हैं। कहने का मतलब यह है कि आप अपने पैसों के साथ वैसा ही बिहेव करते हैं जैसा एक्सपीरियंस आपका पैसों के साथ रहा है। आपको पैसों से जुड़े डिसीजन लोगों को देखकर नहीं लेना चाहिए। आपको लॉजिक के साथ और अपनी सिचुएशन के अकॉर्डिंग अपना डिसीजन लेना चाहिए।
एग्जांपल के लिए किसी और के लिए आईफोन खरीदना या महंगी चीजों पर खर्च करना सही हो सकता है। लेकिन वही चीज उस सिचुएशन में आपके लिए बिल्कुल गलत हो सकती है। कई बार आपने देखा होगा की बहुत समझदार लोग भी भावनाओं में आकर गलत फैसले ले लेते हैं क्योंकि वो अपने पर्सनल एक्सपीरियंस के अकॉर्डिंग डिसीजन लेते हैं ना कि सही नॉलेज और गाइडेंस के आधार पर। और वहीं पर एक कम पढ़ा लिखा इंसान लॉजिक और सही नॉलेज के साथ में समझदारी से सही डिसीजन ले लेता है। और यही चीज पैसों के मामले में एक वेल एजुकेटेड इंसान को भी पीछे कर देती है एक कम पढ़े लिखे इंसान से।
3. भाग्य और जोखिम
कुछ भी इतना अच्छा या बुरा नहीं होता है जितना कि वो दिखता है। कई बार हम किसी चीज को पाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी हमें रिजल्ट नहीं मिलते हैं। लेकिन कहीं बाहर हम कुछ ज्यादा अच्छा नहीं भी करते हैं लेकिन वहां हमें बहुत अच्छा रिजल्ट मिल जाता है। और यह चीज हर जगह लागू होती है चाहे वो बिजनेस, स्टॉक मार्केट हो या फिर कोई और चीज हो। यहां पर लर्निंग यह है कि जो चीज आपको सक्सेसफुल दिख रही है वहां पर सब कुछ सही हो और जो चीज आपको सक्सेसफुल नहीं दिख रही है वहां पर सब कुछ गलत हो ऐसा जरूरी नहीं है। आपको किसी की सक्सेस या फेलियर को देखकर डिसीजन नहीं लेना है।
आपको कोई भी डिसीजन लक और रिस्क को ध्यान में रख कर लेना चाहिए। हमेशा अपनी गलतियों से और लोगों के फेलियर से सीखो और अपनी सक्सेस को कभी भी अपने दिमाग पर हावी मत होने दो। सक्सेसफुल होने के लिए हमें अपनी रिस्क को मैनेज करना भी आना चाहिए। ताकि हम कोई ऐसी रिस्क ना ले ले जो हमारा फेलियर का कारण बन जाए।
4. कभी भी पर्याप्त नहीं
लालच ने अच्छे-अच्छे लोगों को धूल चटाई है। कभी भी इतनी लालच मत करो कि आपकी रेपुटेशन बर्बाद हो जाए। जब आप लोगों की सक्सेस से खुद की सक्सेस को कंपेयर करते हो तो आप और ज्यादा लालची हो जाते हो। और यही लालच आपको एक दिन बर्बाद कर देता है। आपको पता होना चाहिए कि आपको कब रुकना है कहीं ऐसा ना हो कि आप ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में जो आपके पास जो था वो भी खो दो। जब इंसान के दिमाग में लालच आता है तो वो अपना नाम, रेपुटेशन, पैसा, मान सम्मान सब कुछ खो देता है। आपने ऐसे लोगों के बारे में जरूर सुना होगा जिनके पास एक टाइम पर सब कुछ होता है और एक टाइम पर वो दिवालिया हो जाते हैं। और उसका कारण होता है उनका लालच।
इसलिए आपको पता होना चाहिए कि आपको कितना पैसा कमाने के बाद रुक जाना है। आपको उस पैसे को इंजॉय करना है ना कि और ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में उसको खो देना है। आपको इस लालच से बचने के लिए एक लक्ष्य बनाना चाहिए जहां पर आप को रुकना है और उससे ज्यादा रिस्क नहीं लेना है। आपको यह पता होना चाहिए कि हर महीने अगर मेरे पास इतना पैसा आ जाता है तो वो मेरे लिए काफी है। आपका लाइफ में सेटिस्फाइड होना बहुत जरूरी है ताकि आप खुश रह सकूं अपनी फैमिली के साथ में वक्त बिता सको।
5. विस्मयकारी कंपाउंडिंग
वॉरेन बुफेट की $84.5 बिलियन की संपत्ति में से $81.5 बिलियन उनके 65 वें जन्मदिन के बाद आई। क्या आपको पता है वॉरेन बुफेट 10 साल की उम्र से इन्वेस्ट करते आ रहे थे? उन्होंने कभी भी अपने इंटरेस्ट का पैसा नहीं निकाला और कई सालों तक अपने पैसे को जमा करते रहे। और जब वो 89 के हुए तो उनके पास $84.5 बिलियन था। और यह सब हो पाया उनके लंबे समय तक पैसों की कंपाउंडिंग होने की वजह से। यह सब कंपाउंडिंग की पावर का कमाल है।
जब आप 8 को 8 से 9 बार जोड़ते हैं तो क्या रिजल्ट आता है?  8+8+8+8+8+8+8+8+8 = 72 लेकिन जब आप 8 को 8 से 9 बार मल्टीप्लाई करेंगे तो क्या होगा? 8×8×8×8×8×8×8×8×8 = 134,217,728 तो देखा आपने कितना फर्क होता है। आपने यहां पर एक चीज नोटिस की कि वारेन बुफेट ने 10 साल की उम्र से इन्वेस्टिंग शुरू कर दी थी और उसी का नतीजा आज उनकी संपत्ति $84.5 बिलियन है। तो यहां से आपको लर्निंग यह लेनी है कि जल्द से जल्द अपनी इन्वेस्टिंग शुरू कर देनी चाहिए अगर आपको अपने पैसे को कंपाउंड करना है तो।
6. धनवान बनना बनाम धनवान बने रहना
अमीर बनने से ज्यादा मुश्किल है अमीर बने रहना। पैसे कमाने के बहुत तरीके है और आप पैसा कमा भी लोगे लेकिन उस पैसे को सही तरीके से मैनेज करना अगर आपको नहीं आता है तो आप एक टाइम पर उस पैसे को खो दोगे। अमीर बनना और अमीर बने रहना दोनों में बहुत फर्क है। ज्यादातर लोगों को ये तो पता होता कि अमीर कैसे बने? लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होता है कि अमीर कैसे बने रहे? अमीर बनने के लिए आपको मेहनत करनी होती है आपको चीजों को समझना होता है।
लेकिन अमीर बने रहने के लिए आपको पैसों के साथ सही व्यवहार करने की जरूरत है। किस चीज की वाकई आपको जरूरत है यह आपको पता होना चाहिए। ना कि आप फालतू चीजों पर खर्चा करो जिसकी आपको जरूरत नहीं है। अमीर बने रहने के लिए आपको अपने पैसे को सोच समझकर खर्च करना आना चाहिए। आपको अपने लालच पर कंट्रोल करना आना चाहिए अमीर बने रहने के लिए। अमीर बनने के लिए आपको अपने पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करने की कला आनी चाहिए ताकि आपका पैसा ग्रो होता रहे।
7. पट, आप जीते
आप आधे से ज्यादा बार गलत हो सकते हैं और फिर भी अपार समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं, बड़ी से बड़ी कामयाबी हासिल कर सकते हैं। फैलियर हमारी सक्सेस का ही पाठ होता है लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो उसे समझ पाते हैं। जो इंसान बार-बार फेल हो रहा है अगर वो भी मान ले कि मैं सफल हो सकता हूं तो वो भी एक दिन जरूर सफल हो जाएगा। लेकिन इंसान का नेचर ही ऐसा है कि वो फेल होना ही नहीं चाहता है चाहे बात बिजनेस करने की हो पैसों के इन्वेस्टमेंट करने की हो या लाइफ में कोई भी काम करने की बात हो। आपका यह माइंडसेट होना चाहिए कि आप अपनी हर एक गलती से सीखो ओर उसे दोबारा ना दौराओ। देखो फेल होना और गलतियां करना उस इंसान की निशानी होती है जो लाइफ में कुछ बड़ा करना चाह रहा है। आपकी कोशिश बस यह होनी चाहिए कि हार छोटी हो और जीत बड़ी हो।
आपको पता है किसी भी फील्ड में जो अपने काम का बादशाह होता है वो भी हारता है लेकिन वो हार को हार नहीं मानता है और यही फर्क उन्हें बाकी लोगों से अलग बनाता है। एग्जांपल के लिए वॉल्ट डिज्नी के शुरुआती दिन बहुत ही मुश्किल थे डिज्नी का पहला स्टूडियो दिवालिया हो गया 1935 तक डिज्नी ने 400 कार्टून बना लिए थे लेकिन उनमें से कोई भी ज्यादा सक्सेसफुल नहीं हुआ था लेकिन डिज्नी फेलियर से रुके नहीं और जब उन्होंने Snow White and the Seven Dwarfs को रिलीज किया तब 1938 के पहले 6 महीने में $8 मिलियन डॉलर कमाए जो कंपनी की अब तक की सबसे बड़ी कमाई साबित हुई। और यह हो पाया सिर्फ फेलियर से आगे बढ़ने की वजह से।
8. स्वतंत्रता
अपने वक्त पर कंट्रोल पाना वेल्थ का सबसे बड़ा बेनिफिट है। अगर आपके पास फ्रीडम है तो हर सुबह उठकर आप यह कह सकते है कि आज मैं जो चाहूं वह कर सकता हूं। लोग खुशी पाने के लिए अमीर बनना चाहते हैं। लेकिन जो सुख होता है वह सब के लिए अलग होता है क्योंकि लोग अपने समय पर और अपनी लाइफ पर कंट्रोल पाना चाहते हैं। आप क्या करना चाहते हैं, कब, और किसके साथ, और कितने समय तक, ऐसा कर पाने की क्षमता अमूल्य होती है। सबसे बड़ा फायदा है जो आपको वेल्थ से मिलता है। आप कितना कमाते है। आपका घर कितना बड़ा है। आपके काम की रेपुटेशन से ज्यादा इंपॉर्टेंट। यह हैं कि आप क्या करना चाहते हैं, कब, और किन लोगों के साथ, इस पर कंट्रोल होना सबसे बड़ा लाइफस्टाइल है जो लोगों को सुख देता है।
वेल्थ का सिंपल मतलब होता है अपने टाइम पर पूरा कंट्रोल। आप पैसा कमा कर बड़ी गाड़ी बड़ा और बड़ा घर खरीद सकते हों लेकिन खुशी नहीं कर सकते है। खुशी आपको तभी मिल सकती है जब आपका आपके टाइम के ऊपर पूरी तरह से कंट्रोल हो। और आप जो चाहो जब चाहो वो कर सको। आपको और आपके परिवार को ख़ुशी तब मिलेगी जब आप उनके साथ वक्त गुजारोगे ना कि सिर्फ आप उने पैसा कमा कर दोगे उससे।
9. कार में बैठे आदमी का विरोधाभास
कोई भी आपकी संपत्ति से इतना प्रभावित नहीं है जितना आप खुद है। जब हम किसी के पास लग्जरी कार देखते हैं तो हम यह सोचते हैं कि वो कार कितनी अच्छी है काश वो कार मेरे पास भी होती तो लोग मुझे अमीर समझते। मुझे गजब का आदमी समझते। लेकिन हम शायद ही कभी यह सोचते हैं कि जो लग्जरी कार चला रहा है उसका मालिक कितना गजब है। लोगों को यह भ्रम होता है कि उनके पास अगर बड़ा घर होगा, बड़ी गाड़ी होगी तो लोग उनको गजब का आदमी समझेंगे उनकी तारीफ करेंगे उन्हें सम्मान देंगे। लेकिन असल में तो लोग उनकी संपत्ति को पसंद करते हैं ना कि उनके मालिक को। लोगों को इस बात से मतलब नहीं है कि जो लग्जरी गाड़ी है जो बड़ा घर है उसका मालिक कौन है? और क्या करता है? उनको तो उस गाड़ी और उस बड़े घर से मतलब होता है कि वो कितना अच्छा है और उनके पास कब होगा।
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके पास बड़ी गाड़ी होगी बड़ा घर होगा लग्जरी लाइफ़स्टाइल होगी तो लोग आपका सम्मान करेंगे तो यह सच नहीं है। खासकर उन लोगों से सम्मान पाना जिन लोगों से आप पाना चाहते हैं। अगर आपको लोगों से सम्मान पाना है तो आपके अंदर विनम्रता होनी चाहिए। लोगों के प्रति सहानुभूति होनी चाहिए। लोगों की मदद करने की भावना होनी चाहिए।तब आपको लोग सम्मान देंगे ना कि आपके पास कितनी धन दौलत है।
10. संपत्ति वह है जो आपको दिखाई नहीं देती
पैसे खर्च करके लोगों को दिखाना कि आपके पास कितना पैसा है यह पैसे कम करने का सबसे तेज तरीका है। अगर आपको रोड पर एक फेरारी गुजरती हुई दिखाई देती है तो आप सोचेंगे कि इसका मालिक कितना अमीर है लेकिन ऐसा सच नहीं है क्योंकि ज्यादातर लोग महंगी कारों में घूमते हैं लेकिन उनके ऊपर कितना लोन है? और एक्चुअल में उनकी संपत्ति कितनी है? यह आपको नहीं पता है। ज्यादातर लोग बहुत कामयाब होते हैं लेकिन अपनी आधी संपत्ति को महंगी चीजों में खर्च कर देते हैं। $100000 की कार चलाने वाला आदमी अमीर हो सकता है लेकिन उसकी संपत्ति के बारे में आपके पास एकमात्र जानकारी होगी और वह जानकारी यह है कि अब उसके पास कार खरीदने के पहले जो भी संपत्ति थी उसमें से $100000 कम हो गई है। सिर्फ यह एक चीज है जो आप उन लोगों के बारे में जान सकते हैं जो महंगी कार चला रहे हैं।
इसके अलावा आपको कुछ पता नहीं चलेगा कि उनकी संपत्ति कितनी है? उनके ऊपर कितने पैसों का कर्जा है? क्योंकि यह चीजें आपको दिखती नहीं है। इसलिए हम किसी भी इंसान की फाइनेशियल सक्सेस को जज करने के लिए बाहरी दिखावटों का सहारा लेते हैं जैसे उनकी महंगी कार, घर और इंस्टाग्राम की तस्वीरें। और इन्हीं चीजों को देखकर हम यह अनुमान लगा देते हैं कि वह कितने अमीर है। जो कि वास्तव में सच नहीं है क्योंकि जो सच है वह दिखता नहीं है। संपत्ति का मतलब वह फाइनेशियल एसेट्स है जिसे अभी तक उस चीज में नहीं बदला गया है जिसे आप देख सकते हैं। ज्यादातर लोग जब यह कहते हैं कि ‘‘मैं करोड़पति बनना चाहता हूं, तो असल में उनके कहने का मतलब यह होता है कि मैं एक करोड डॉलर खर्च करना चाहूंगा।” और यह स्टेटमेंट करोड़पति होने का ठीक उल्टा है। दुनिया ऐसे लोगों से भरी पड़ी है जो दिखने में भले ही विनम्र हो लेकिन वास्तव में वह समृद्ध है, और ऐसे लोगों से भी जो अमीर नजर आते हैं लेकिन दिवालिया होने की कगार पर है।
11. धन-संपत्ति की बचत करें
सेविंग इनक्रीस करने का एक ही तरीका है अपनी ईगो को डिक्रीज कर लो। ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि सेविंग वह होती है जो हमारी कमाई में से जो पैसा खर्च हो गया उसके बाद जो पैसा बचता है वो यानी कि आपकी इनकम 20000 है उसमें से 18000 के आप के खर्चे और 2000 आपकी सेविंग लेकिन यह बिल्कुल गलत तरीका है पैसों को सेव करने का क्योंकि एक और चीज है जिसे हम भूल जाते हैं। और वह है हमारी ईगो जिन चीजों की लोगों को जरूरत भी नहीं होती है वह भी वह खरीदते हैं सिर्फ इसलिए ताकि उनकी ईगो सेटिस्फाई हो सके और वह लोगों को दिखा सके कि मेरे पास यह महंगी घड़ी है, महंगा फोन है, महंगी कार है, एक्सपेंसिव कपड़े है। और इसी ईगो के चलते लोग कभी भी ज्यादा पैसों की बचत नहीं कर पाते हैं। लोगों की ज्यादातर कमाई उन एक्सपेंसिव चीजों को खरीदने में चली जाती है जो खासकर लोगों को दिखाने के लिए खरीदी जाती है।
अगर आपको अमीर बनना है तो आपको अच्छी इन्वेस्टमेंट करनी होगी और अच्छा इन्वेस्टमेंट अगर आपको करना है तो आपको अच्छी सेविंग करनी होगी और अगर आपको अच्छी सेविंग करनी है तो आपको उन चीजों पर खर्चा करना बंद करना होगा जो आपकी असल में जरूरत नहीं है। बिना खर्चा बढ़ाएं अपना फोकस अपनी कमाई को बढ़ाने पर करो यही तरीका है जल्दी वेल्थी बनने का।
12. उचित > तर्कसंगत
उचित होने का लक्ष्य अधिकतर तर्कसंगत होने की कोशिश करने से बेहतर काम करता है। दिल और दिमाग की सुनने से अच्छा है इन दोनों के बीच की इंटेलिजेंस को चुनो। हम सबको पता है कि कोई भी डिसीजन लेने से पहले उसकी रिसर्च करनी चाहिए उसके रूल्स फैक्ट और डेटा को जानना चाहिए और लॉजिक के साथ डिसीजन लेना चाहिए लेकिन क्या एक इंसान के लिए हर वक्त लॉजिक के साथ डिसीजन लेना पॉसिबल होता पता है। तो इसका जवाब है नहीं। क्योंकि हम सब जानते हैं हम एक इंसान हैं और हमारे अंदर इमोशन होते हैं फीलिंग होती है भले ही हमें कितने ही रिसर्च और फैक्ट्स क्यों ना पता हो लेकिन फिर भी हम कहीं ना कहीं इमोशनली ज्यादा डिसीजन लेते हैं लॉजिक के कंपैरिजन में। एग्जांपल के लिए हमें पता है कि हमारा टाइम कितना कीमती है फिर भी हम इमोशन में आकर अपना टाइम सोशल मीडिया के ऊपर और नेटफ्लिक्स जैसी चीजों में वेस्ट कर देते हैं।
तो यहां पर आपको यह समझने की जरूरत है कि हमेशा ना तो इमोशनली डिसीजन लेना सही है और ना ही लॉजिकली डिसीजन लेना सही है। आपको सिचुएशन के अकॉर्डिंग सही डिसीजन लेना है। तभी आप किसी भी डिसीजन पर लंबे समय तक बने रह पाएंगे। और जिस काम में कंसिस्टेंसी होती है वहीं पर आपको रिजल्ट मिलता है। वैल्थी बनने के लिए एक महीने 50% परसेंट की सेविंग करने से अच्छा है आप हर महीने 10% परसेंट की सेविंग करें। जब आप लंबे समय तक पैसों की इन्वेस्टिंग करते हैं तो वह आपको कंपाउंडिंग के थ्रू वेल्थी मनाता है। इसलिए हमेशा वो डिसीजन ले जिस पर आप लंबे समय तक बने रह सके।
13. अप्रत्याशित
इतिहास परिवर्तन का अध्ययन है, जिसका प्रयोग विडंबना से भविष्य के मैप के रूप में किया जाता है। ज्यादातर लोगों को लगता है कि जो पास्ट में हुआ है आगे भी वही होगा और उसी के चलते हैं वह कई बार गलत डिसीजन ले लेते हैं जिससे उनका नुकसान हो जाता है। फ्यूचर में क्या होने वाला है यह कोई नहीं जानता लेकिन फिर भी लोग अपने पास्ट के एक्सपीरियंस के आधार पर पैसों से जुड़े डिसीजन लेते हैं। केवल इसलिए की उनको लगता है कि जो पास्ट में हुआ है वही फ्यूचर में भी होगा लेकिन जब फ्यूचर में कुछ अनअक्सेप्टेड हो जाता है तो लोगों को नुकसान उठाना पड़ता है। हमें कभी भी पास्ट मैं हुए प्रॉफिट को देखकर फ्यूचर में अपना पैसा उन्हीं चीजों में नहीं लगाना चाहिए। यह जरूरी नहीं है कि जिस चीज में आज आपको प्रॉफिट हो रहा है उसी चीज में फ्यूचर में भी प्रॉफिट हो।
इसलिए आपको सोच समझकर पैसों से जुड़े हैं डिसीजन लेने चाहिए ताकि फ्यूचर में कोई भी अनअक्सेप्टेड घटना भी हो जाएं फिर भी आपका लॉस ना हो। अगर आप आज उन चीजों में पैसा लगा रहे हैं जो आने वाले कुछ सालों में नहीं रहेगी उसे टेक्नोलॉजी रिप्लेस कर देगी तो आपका तो उसमे नुकसान ही होगा। तो यहां पर आपको यह समझने की जरूरत है कि आपको अपने पैसों का निवेश फ्यूचर को ध्यान में रखकर करना है। यहां पर एक बात और आपको ध्यान में रखनी है कि मार्केट हमेशा बदलता रहेगा लेकिन जो इंसान का नेचर है लालच करना डरना यह कभी नहीं बदलेगा। आप एक अच्छा निवेश तभी कर सकते हो जब आपका अपने लालच और डर पर कंट्रोल हो। आपको पता होना चाहिए कि कब आपको डरना है और कब आपको डिस्क लेना है।
14. त्रुटि के लिए जगह
किसी भी प्लानिंग का सबसे बड़ा पार्ट उस समय के लिए प्लानिंग बनाना है जब आप की प्लानिंग काम न करें। अगर आप पैसों को इन्वेस्ट करने का कोई प्लान बना रहे हैं तो आपके पास प्लान बी भी होना चाहिए क्योंकि अगर आपका प्लान ए सक्सेसफुल नहीं होता है तो भी आप नुकसान से बच सकते हैं। मान लेते हैं कि आपने जो पैसा इन्वेस्ट किया है और जिस प्रॉफिट की उम्मीद की है वह आपको नहीं भी मिलता है तो भी आपके पास आपका प्लान बी होगा जिससे आप आराम से सरवाइव कर सकते हैं। कहने का मतलब यह है कि आपको अपने पैसे को निवेश करने के साथ-साथ आपको कुछ कैश भी रखना है ताकि जो पैसा आपने निवेश किया है उसका रिटर्न आपको आपकी उम्मीद के हिसाब से नहीं भी मिलता है तो भी आपके पास पैसा होगा यानी कि जो प्लान बी है उससे आप काम चला सको।
अगर आप 6 महीने का खर्चा पहले से ही आप अपने पास रखते हैं और उसके बाद आप कोई भी इन्वेस्टमेंट करते हैं तो आपके लिए वह सबसे सेफ होगा। इससे होगा यह की अगर मार्केट बहुत ज्यादा ऊपर नीचे भी होता है तो भी आपको अपना इन्वेस्ट किया हुआ पैसा निकालना नहीं पड़ेगा जिससे लॉन्ग टर्म में वह आपको प्रॉफिट ही देगा। प्लान बी के होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपका इन्वेस्टमेंट कभी भी ब्रेक नहीं होगा जिससे आपकी कंपाउंडिंग रुकेगी नहीं और जब आपकी कंपाउंडिंग नहीं रुकेगी तो आपकी वेल्थ और ज्यादा बढ़ती जाएगी।
15. आप बदलेंगे
लॉन्ग टर्म प्लानिंग जितनी प्रतीत होती है उससे ज्यादा मुश्किल होती है क्योंकि टाइम के साथ लोगों के गोल्स और इच्छाएं बदल जाती है। आज जो हमारे गोल्स और जो इच्छाएं हैं वह समय के साथ बदल जाती है। जिस तरह से एक छोटे बच्चे की इच्छाए लगातार बदलती रहती है वैसे ही हमारी भी इच्छाए और गोल्स टाइम के साथ बदलते रहते हैं और इनका हमारी लॉन्ग टर्म फाइनेशियल प्लानिंग के ऊपर बड़ा प्रभाव पड़ता है। 20 की उम्र में लोगों के जो गोल्स होते हैं वो 30 की उम्र में आने के बाद बदल जाते हैं। हमें नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा और यह स्वीकार करना अलग बात है कि आज आप खुद नहीं जानते कि आप भविष्य में क्या चाहेंगे और आपकी इच्छाए क्या होगी। जब भविष्य में आप क्या चाहेंगे इसको लेकर आपके विचार बदलने की संभावना हो तो लॉन्ग टर्म डिसीजन लेना मुश्किल होता है।
लोगों को यह तो पता होता है कि वह अतीत से अब तक कितने बदल चुके हैं लेकिन उनको यह नहीं पता होता है कि भविष्य में उनकी पर्सनैलिटी, गोल्स और इच्छाए  कितनी बदल सकती हैं। जीवन के हर स्टेज में हम ऐसे डिसीजन लेते हैं जो उन लोगों के जीवन को बड़ी मात्रा में इंपैक्ट करेंगे जो हम आगे जाकर बनने वाले हैं। और जब हम उन लोगों में बदल जाते हैं तो हम हमेशा अपने डिसीजन पर खुश नहीं होते। एग्जांपल के लिए जब हम किशोरावस्था में होते हैं तो हम हाथ पर टैटू बनवाने के लिए पैसा खर्च करते हैं और यंग होने पर उसे हटवाने पर पैसा खर्च करते हैं। तो यहां पर आप देख सकते हैं कि इस कारण से हमारी कोई भी लॉन्ग टर्म फाइनैंशल प्लानिंग कैसे प्रभावित हो सकती हैं।
चार्ली मुंगेर कहते हैं कि कंपाउंडिंग का पहला नियम यह है कि बिना किसी कारण के इसे ब्रेक न होने दे। जब हम एक ही काम को कई सालों तक करते हैं तो हमें रिजल्ट मिलता है। अगर वारेन बुफेट भी अपनी इन्वेस्टिंग को बीच में ही छोड़ देते तो क्या आज वह इतने अमीर होते हैं? शायद नही। लेकिन फिर भी लोग अपनी लाइफ में अपने गोल्स और इच्छाएं लगातार बदलते हैं हम कभी भी एक ही काम को सालों तक नहीं करना चाहते। कंपाउंडिंग तब सबसे अच्छे से काम करती हैं जब आप किसी प्लानिंग को विकसित होने के लिए सालों का टाइम देते हैं। और यह सिर्फ बचत के लिए नहीं बल्कि कैरियर और रिलेशनशिप के लिए भी उतना ही काम करता है।
16. कुछ भी मुफ़्त नहीं होता
हर चीज का एक मूल्य होता है, लेकिन हर मूल्य लेबल पर नहीं छपा होता। हर चीज का एक मूल्य होता है और पैसों से जुड़ी अधिकतर चीजों के लिए कुंजी उनके मूल्य को जानना और उसे चुकाने के लिए इच्छुक होना है। हर काम तब तक आसान नजर आता है जब तक आप उसे न कर रहे हों क्योंकि अखाड़े में खड़े व्यक्ति के संघर्ष भीड़ में खड़े लोगों के लिए अदृश्य होते हैं। अधिकतर बार हम सफ़लता के मूल्य को सही तरह नहीं आंक पाते, और इसी कारण हम इसे चुकाने में भी सक्षम नहीं हो पाते। सफल इन्वेस्टमेंट आसान ही नजर आता है, जब उसे आप खुद न कर रहे हों। स्टॉक लंबे समय तक रोक कर रखीये आप अक्सर सुनेंगे यह अच्छी सलाह हैं। लेकिन आप यह कैसे जानेंगे कि जब स्टॉक में गिरावट आ रही हो तो लंबे समय वाला दृष्टिकोण बनाये रखना कितना कठिन होता है?
हर योग्य चीज की तरह सफल निवेश भी एक मूल्य की मांग करता है। लेकिन इसकी मुद्रा डॉलर या सेंट नहीं है। जब लोग यह नहीं समझ पाते की निवेश का भी मूल्य होता है तो वो बिना कुछ किये कुछ पाने की कोशिश करते हैं। मान लिजिए आपको एक नई कार चाहिए, जिसकी कीमत $30,000 हैं। आपके पास तीन विकल्प हैं पहला इसके लिए $30,000 पे करे, दूसरा एक सस्ती इस्तेमाल हुई कार ढूंढे, तीसरा इसे चुरा ले। इस मामले में 99% लोग तीसरे विकल्प से बचना जानते हैं, क्योंकि एक कार चुराने का परिणाम बहुत भारी पड़ जाता है। हर चीज का एक मूल्य होता है और इसे चुकाना पड़ता है।
निवेश मे अधिकतर लोग तीसरा विकल्प चुनते हैं। एक कार के चोर की तरह हालांकि वे नेकनीयत और कानून के पाबंद होते है वे ऐसी तरकीबे और स्ट्रेटजी बनाते हैं जिससे मूल्य चुकाए बिना प्रतिफल पा सके। वे ट्रेड इन और ट्रेड आउट करते हैं। वे अगली मंदी से पहले बेचने और अगले उछाल से पहले ख़रीदने की कोशिश में लगे रहते हैं। लेकिन धन के देवता ऐसे लोगो को मान नहीं देते जो बिना मूल्य चुकाये पारितोषिक पाने की कोशिश करते हैं। कुछ कार चोर शायद बच कर निकल जाए, कहीं अधिक पकड़े भी जाए और फिर उन्हें दंड भी दिया जाएगा। निवेश में भी ठीक ऐसा ही होता है। विडंबना यह है कि मूल्य चुकाने से बचने के लिए निवेशको को दोगुना मूल्य चुकाना पड़ता है।
प्रश्न यह उठता है: की इतने लोग जो कार, घर, भोजन, और छुट्टियों का मूल्य चुकाने को तैयार हैं, अच्छे निवेश प्रतिफल का मूल्य चुकाने से क्यों बचते हैं?
जवाब आसान है: सफलता में निवेश का मूल्य तुरंत प्रत्यक्ष नहीं होता।
आमतौर पर आपको वही मिलेगा जिसका आप मूल्य चुकायेगे। मार्केट में भी यहीं होता है। मूल्य का पता करे, और फिर उसे चुकायें।
17. आप और मैं 
ऐसे लोगों से फाइनेशियल सलाह लेते समय सावधान रहें जिनका खेल आपसे अलग हो। निवेशक अक्सर निर्दोष रूप से दूसरे निवेशकों से सलाह ले लेते है, जो उनसे बिल्कुल अलग खेल खेल रहे हों। हर इंसान की एक अलग दुनिया होती है और उसी के अनुसार उनको डिसीजन लेने होते हैं की उनको कहां इन्वेस्ट करना है? और कहां पर नहीं। एक जॉब करने वाले इंसान के गोल्स बिल्कुल अलग होंगे एक बिजनेस करने वाले इंसान से और यह चीज इन्वेस्टमेंट में भी लागू होती है। इसलिए यहां पर आपको यह समझने की जरूरत है कि आपकी सिचुएशन अलग है आपके गोल्स और इच्छाएं अलग है तो आपके डिसीजन भी अलग होंगे उस इंसान से जो आप से अलग है। इसलिए आपको उन लोगों से सलाह नहीं लेनी है जो आपके खेल से अलग खेल खेल रहे हैं।
अगर आप उन लोगों से सलाह ले रहे हैं जिनका काम, गोल्स, इच्छाएं, सिचुएशन, और टाइम आप से बिल्कुल अलग है। तो वह आपको वही सलाह देंगे जो उनके हिसाब से सही है ना कि आपके हिसाब से। आपको लालच में आकर किसी के काम को कॉपी नहीं करना है अगर कोई किसी बिजनेस में सक्सेसफुल हो रहा है तो जरूरी नहीं है कि वही बिजनेस करके आप भी सक्सेसफुल हो जाएंगे। अगर किसी ने किसी कंपनी के स्टॉक में इन्वेस्ट किया और उनको बहुत बड़ा प्रॉफिट हुआ हैं तो जरूरी नहीं है कि आप भी उसी सेम स्टॉक में इन्वेस्ट करके उतना प्रॉफिट बना पाएंगे क्योंकि आपके इन्वेस्ट करने का टाइम अलग होगा, स्ट्रोक का प्राइस भी अलग होगा और उस इंसान के इन्वेस्ट करने का टाइम और स्टॉक का प्राइस बिल्कुल अलग रहा होगा।
हम यह तो देख सकते हैं कि लोग कार, घर, कपड़े और छुट्टियों पर कितना पैसा खर्च करते हैं, लेकिन हमें उनके लक्ष्य, परेशानियां और इच्छाएं देखने को नहीं मिलती है। यहां पर लर्निंग यह है कि पैसों को लेकर कोई बात इतनी मायने नहीं रखती है जितनी अपनी समय परिधि को समझना और उन लोगों के बिहेवियर और आचरण से प्रभावित न होना जो आपसे अलग खेल खेल रहे हैं। जब आप आपसे अलग खेल खेलने वालों से प्रभावित होते हैं तो आप जिस तरह से अपना पैसा खर्च करना चाहते हैं वह भी उलट सकता है।
मुख्य बात यह है कि कुछ भी करके यह पहचानीये है कि आप कौनसा खेल खेल रहे हैं। यानी कि आपको वहां पर फोकस करना है जिस चीज में आपकी एक्सपर्टीज है उसी काम को आपको करना है दूसरों के काम को कॉपी नहीं करना।
18. निराशावाद का बहकवा
आशावाद बिक्री के लिये की जाने वाली बातचीत जैसा सुनाई पड़ता है। निराशावाद किसी मदद करने वाले जैसा प्रतीत होता है। आपका आशावाद से ज्यादा निराशावाद का फाइनेंस पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। जैसे अगर आपको कोई यह कहे कि एक स्टॉक है जो अगले साल तक 10 गुना बढ़ने वाला है तो आप तुरंत कहेंगे यह क्या मजाक है। जबकि ये एक आशावाद स्टेटमेंट है। वहीं अगर आपको कोई यह कहे कि जो स्टॉक आपके पास है वह क्रेश्ड होने वाला है क्योंकि यह कोई एकाउंटिंग फ्रॉड है, तो आप तुरंत समय निकाल कर उसके हर शब्द को सुनेंगे। जबकि यह एक निराशावाद स्टेटमेंट है। तो यहां पर लर्निंग यह है कि लोगों का ध्यान आशावाद से ज्यादा निराशावाद पर होता है। इंसान का दिमाग ही ऐसा है कि वो नेगेटिव चीजों की तरफ ज्यादा होता है और पॉजिटिव चीजों की तरफ कम होता है।
मान लीजिए कि कोई मंदी होने वाली है और न्यूज़पेपर वाले आपको बुलाए तो उन्हें कह दीजिए कि हम एवरेज ग्रोथ की ओर अग्रसर हैं। तो न्यूज़पेपर वाले आप पर ध्यान नहीं देंगे। लेकिन अगर आप यह कहेंगे कि हम अगली महामंदी के निकट है तो आप तुरंत टी वी पर होंगे। आप देखेंगे कि अगर कोई स्टॉक अच्छी ग्रोथ कर रहा है तो उसकी टीवी पर इतनी बात नहीं होगी लेकिन कोई स्टॉक अगर नीचे गिरने वाला है तो वहां टी वी पर उसकी बहुत ज्यादा बात होगी।
धन सर्वव्यापक है इसलिए कुछ भी बुरा घटता है तो वह सबको प्रभावित करता है और सभी का ध्यान अपनी ओर खींचता है।
निराशावादी अक्सर करेंट ट्रेंड्स का बहिर्वेशण करते हैं, बिना इस पर ध्यान दिये की मार्केट किस प्रकार अनुकूल बन जाते हैं।
ग्रोथ इतनी धीरे होती है कि उसे देखा भी नहीं जा सकता लेकिन असफलता इतनी तेजी से आती है कि उसे अनदेखा न किया जा सके।
19. जब आप कुछ भी मान लेंगे
आकर्षक काल्पनिक कथाएं और कहानियां क्यों आंकड़ों से अधिक शक्तिशाली होती है। कल्पना कीजिए कि एक एलियन को पृथ्वी पर भेजा जाए जिसका काम हमारी अर्थव्यवस्था पर नजर रखना हो। मान लिजिए की वो न्यू यॉर्क सिटी के ऊपर चक्कर काट रहा है, और वह देख रहा है कि 2007 से 2009 के बीच कितना बदलाव आया है। वो 2007 में हजारों की संख्या में पार्टी मनाते लोगों को देखता है जिनके चारों और तेज चमचमाती रोशनी और कैमरे है। वह 2009 के नए साल के दिन वापस आता है और हजारों की संख्या में पार्टी मनाते लोगों को देखता है जिनके चारों और तेज चमचमाती रोशनी और कैमरे है। उसे यह सब सेम ही लगता है उसे कोई ज्यादा बदलाव नजर नहीं आता है। वह लगभग उसी संख्या में न्यूयॉर्क के लोगों को भीड़ लगाएं देखता है। वे लोग समान संख्या में ऑफिस की इमारतों से गिरे हैं जिनमें समान संख्या में कंप्यूटर सहित डेस्क है जो समान संख्या के इंटरनेट कनेक्शन से जुड़े हैं।
शहर के बाहर वो समान संख्या में कारखाने और गोदाम देखता है, जो समान हाईवे से जुड़े हैं, और उन पर समान संख्या में ट्रक चल रहे हैं। वह देखता है कि समान यूनिवर्सिटी समान सब्जेक्ट पढ़ा रहे हैं और समान संख्या में स्टूडेंट्स को समान डिग्रियां दे रहे हैं। वो ध्यान देता है कि टेक्नोलॉजी में सुधार आया है। 2009 में हर कोई स्मार्टफोन लिए घूमता रहा है जो 2007 में एक्सिस्ट ही नहीं करते थे। वह देखता है कि कंप्यूटर और तेज हो चुके हैं। कारों को अब बेहतर गैस माइलेज मिलता है। सौर्य और फ़्रैकिंग टेक्नोलॉजी अब विकसित हो चुकी है। सोशल मीडिया तेजी से बढ़ चुका है। और फिर वह यह निष्कर्ष निकालता है कि शायद 2007 की तुलना में 2009 में इकोनामी बेहतर हो गई है।
फिर वह आंकड़ों पर नजर डालता है। वह यह देखकर हैरान रह जाता है कि यू एस परिवार 2007 की तुलना में 2009 में $16 ट्रिलियन से गरीब हो चुके हैं। और यह देखकर वह भौचक्का रह जाता है कि 10 मिलियन अमेरिकी बेरोजगार हो चुके हैं। और यह जानकर उसे विश्वास नहीं होता है कि स्टॉक मार्केट दो साल पहले की तुलना में आधे मूल्य का रह गया है। वह विश्वास नहीं कर पाता है कि लोगों का अपनी आर्थिक क्षमता के लिए  पूर्वानुमान इस तरह डूब चुका है।
“मुझे यह बिल्कुल समझ नहीं आ रहा है वह कहता है,” वह कहता है। “मैंने शहर देखे हैं। कारखानों को भी देखा है। तुम लोगों के पास सामन ज्ञान, समान साधन, और समान विचार है। कुछ भी नहीं बदला! तो तुम लोग और गरीब क्यों हुए? तुम और निराशावादी क्यों हुए”
2007 से 2009 के बीच एक ऐसा बदलाव था जिसे एलियन नहीं देख पाया अर्थव्यवस्था के बारे में वे कहानियां जो हम खुद को सुनाते हैं।
जैसे 2007 में हमने खुद को आवास कीमतों की स्थिरता, बैंक कर्मियों के विवेक, फाइनेंस मार्केट की जोखिम का सटीक रूप से मूल्यांकन करने की योग्यता की कहानियां सुनाई। लेकिन 2009 में हमने उस कहानी पर विश्वास करना बंद कर दिया। बस यही एक चीज थी जो बदली थी। लेकिन इस ने सब कुछ बदल कर रख दिया।
एक बार जब आवास कीमतों के बढ़ते रहने का अकाउंट भंग हुआ, लोन न चुकाने में वृद्धि हुई, बैंकों ने काफी राशि गवा दी, फिर उन्होंने अन्य व्यवसायियों को लोन देना बंद कर दिया, जिसके कारण और नौकरियां चली गई और इसी तरह बहुत कुछ। 
तो यहां पर लर्निंग यह है कि आपको अपनी काल्पनिक कहानियों और कहीं से सुनी हुई बातों पर विश्वास करके अपने बिजनेस और इन्वेस्टमेंट से जुड़े डिसीजन नहीं लेने है। आपको इस बात को समझना होगा की कहानियों के बेस पर लिए गए डिसीजन आपका कितना नुकसान कर सकते हैं। कुछ भी मानने से पहले उसकी रिसर्च करें उसको अच्छे से समझे और उसके बाद अपने फाइनेंसियल डिसीजन ले।
20. अब सब साथ में
हमने अपने धन के मनोविज्ञान के बारे में क्या सीखा। अब टाइम है उन चीजों को साथ में पिरोने का जो हमने अब तक सिखा है। यह लेशन एक कंक्लूजन की तरह है जिसमें हम कुछ छोटे और इंप्लीमेंटेशन योग्य लेशन सीखेंगे जो आपको बेहतर फाइनेंसियल डिसीजन लेने में मदद करेंगे। लेकिन सबसे पहले हम एक डेंटिस्ट के अपॉइंटमेंट के बारे में एक कहानी सुनेंगे जो हमें इस बारे में इंपोर्टेंट लेसन सिखाती है की धन संपत्ति के मैनेजमेंट को लेकर एडवाइस देने के क्या खतरे हो सकते हैं।
क्लेरेंस 1931 में डेंटिस्ट के पास गये। उनके मुंह में बेतहाशा दर्द था। उनके डेंटिस्ट ने उन्हें दर्द कम करने के लिये एनेस्थीजिआ दे दिया। घंटों बाद जब क्लेरेंस जागे तो उनके 16 दांत और टॉन्सिल जा चुके थे। और फिर सब गलत हो गया। 1 सप्ताह बाद सर्जरी की जटिलताओं के कारण क्लेरेंस की मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी ने डेंटिस्ट पर मुकदमा दायर कर दिया, लेकिन इसलिए नहीं कि सर्जरी में गड़बड़ हुई। 1931 में हर सर्जरी में जान जाने का जोखिम रहता था। उनकी पत्नी के अनुसार क्लेरेंस ने कभी भी सर्जरी के लिए संपत्ति नहीं दी थी, और अगर उनसे पूछा गया होता, तो भी वे नहीं देते।
यह मामला अदालतों में चलता रहा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। 1931 में डॉक्टर और मरीज के बीच संपत्ति इतनी  ट्रांसपेरेंट नहीं थी। एक अदालत ने सारांश देते हुए कहा कि डॉक्टरों को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल डिसीजन लेने की फ्रीडम की आवश्यकता है। “इसके बिना हम विज्ञान की उन्नति का लाभ नहीं उठा सकते।” अधिकांश इतिहास में एक डॉक्टर का लोकाचार मरीज को ठीक करना होता था।
औषधि एक कॉम्प्लेक्स प्रोफेशन है और डॉक्टरों और मरीजों के बीच का आपस में डिस्कशन भी कॉम्प्लेक्स होता है। क्या आप जानते हैं और कौन सा प्रोफेशन जो इसके जैसा ही कॉम्प्लेक्स है? वह है फाइनेंसियल एडवाइस देना। मैं आपको नहीं बता सकता कि आपको अपने पैसों के साथ क्या करना चाहिए, क्योंकि मैं आपको नहीं जानता। मैं नहीं जानता कि आपको क्या चाहिये। और मैं यह भी नहीं जानता कि आपको यह क्यों चाहिये। इसलिये मैं आपको नहीं बताऊंगा कि आपको अपने पैसों के साथ क्या करना चाहिये। मैं आपके साथ ऐसा नहीं कर सकता जैसा उस डेंटिस्ट ने क्लेरेंस के साथ किया।
लेकिन बेशक रूप से डॉक्टर और डेंटिस्ट अयोग्य नहीं होते। उनके पास नॉलेज होता है। वे चांस रेश्यो को समझते हैं। वे जानते हैं कि क्या काम करता है, तब भी जब मरीज उनके लिए कौन सा इलाज सही है, इस बारे में अलग निष्कर्ष पर पहुंचते हैं। फाइनेंसियल एडवाइजर  भी इसी तरह के होते हैं। धन संपत्ति को लेकर कुछ ग्लोबल फैक्ट्स होते हैं, तब भी अगर लोग इस बारे में अलग-अलग निष्कर्ष निकाले कि उन फैक्ट्स को अपने धन पर कैसे लागू किया जाए। इस बात को ध्यान में रखकर आइए कुछ ऐसी छोटी रिकमेंडेशन को देखते हैं जो आपको अपने धन के साथ बेहतर डिसीजन लेने में मदद कर सकती है।
1. सब अच्छा होने पर विनम्रता और खराब होने पर दयाभाव ढूंढने का जितना हो सके उतना प्रयास करें।
क्योंकि कुछ भी इतना अच्छा या खराब नहीं होता जितना दिखाई देता है। संसार बड़ा और कॉम्प्लेक्स है। भाग्य और रिस्क दोनों ही असली और पहचानने में मुश्किल है, खुद को और दूसरों को आंकते हुए यह ध्यान में रखिए। भाग्य और रिस्क की ताकत का सम्मान कीजिए आपके ऐसी चीजों पर ध्यान देने की संभावना अधिक होगी जो आपके कंट्रोल में हो। साथ ही आपकी सही प्रेरणास्त्रोत व्यक्तियों को ढूंढने की संभावना भी अधिक होगी।
2. कम अहंकार, अधिक संपत्ति।
पैसे की बचत आपके अहंकार और इनकम के बीच का अंतर है, और संपति वह है जो दिखाई नहीं देती। इसलिये संपति का निर्माण जो आप आज ख़रीद सकते हैं, उसकी चाह को दबाकर किया जाता है ताकि आपके पास भविष्य में अधिक चीजें या विकल्प हों। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना कमाते है, जब तक आप इस पर लगाम नहीं लगाते कि आप आज अपने पैसे के साथ कितनी ऐश करते हैं, आप संपत्ति का निर्माण नहीं कर सकते।
3. अपनी धन-संपत्ति का मैनेजमेंट  इस तरह करें कि आप रात में चैन की नींद सो सकें।
यह कहना इससे अलग है कि आपको बहुत लाभ कमाने का लक्ष्य रखना चाहिये या अपनी इनकम का एक फिक्स परसेंटेज बचाना चाहिये। कुछ लोग तब तक चैन से नहीं सोयेंगे जब तक वे बहुत प्रॉफिट न कमा रहे हो, दूसरे तभी सेटिस्फाइड अनुभव करेंगे अगर उन्होंने रूढ़िवादी रूप से इन्वेस्ट किया हों। हर किसी का अपना ही ढंग होता है। लेकिन “ क्या इससे मुझे रात में अच्छी नींद आयेगी?” का आधार सभी फाइनेंसियल डिसीजंस के लिए बेस्ट यूनिवर्सल गाइडेंस बोर्ड है।
4. यदि आप एक निवेशक के रूप में सफल होना चाहते हैं तो सबसे शक्तिशाली चीज जो आप कर सकते हैं, वह है अपनी समय सीमा को बढ़ाना।
निवेश में समय सबसे शक्तिशाली बल है। यह छोटी चीजों में वृद्धि कर उन्हें बड़ा कर देता है और बड़ी गलतियों को धुंधला कर देता है। यह भाग्य और रिस्क को बेअसर नहीं कर सकता, लेकिन यह नतीजों को उस डायरेक्शन में मोड देता है जिसके लोग योग्य होते हैं।
5. बहुत सी चीजों के गलत हो जाने को स्वीकारना सीखिये। आप आधे से ज्यादा बार गलत हो सकते हैं और फिर भी अपार संपत्ति प्राप्त कर सकते हैं।
क्योंकि कम संख्या में कुछ चीजें ज्यादातर रिजल्ट्स का कारण होती है। आप चाहे अपने पैसे के साथ कुछ भी कर रहे हो, आपको बहुत सी चीजों के काम न करने पर संतोष करना होगा। क्योंकि संसार ऐसा ही है। इसलिए आपको अपनी उपलब्धियों का आकलन अपने पूरे पोर्टफोलियो की और देख कर करना चाहिये, न कि अलग-अलग निवेशों के आधार पर। बड़ी मात्रा में खराब निवेश और कुछ एक बेस्ट निवेश होने में कोई बुराई नहीं है। आम तौर पर यह बेस्ट परिदृश्य होता है। अपने काम का आकलन करते समय अपने अलग-अलग निवेश पर ध्यान देने से विजेता वास्तविकता से अधिक प्रतिभाशाली नजर आते हैं। और हारने वाले उससे अधिक विफल नजर आते हैं जितना उन्हें होना चाहिये।
6. संपत्ति का प्रयोग अपने समय पर नियंत्रण के लिये कीजिए।
क्योंकि अपने समय पर नियंत्रण न होना खुशी के लिये एक शक्तिशाली और यूनिवर्सल रुकावट है। आप जो करना चाहे, जब करना चाहे, जिसके साथ करना चाहे, जब तक करना चाहे, इसकी क्षमता फाइनेंस में मौजूद ज्यादा से ज्यादा लाभांश प्रदान करती है।
7. कम दिखावटी और अधिक अच्छे बनिये।
कोई भी आपकी जायदाद से इतना प्रभावित नहीं होता जितना आप खुद होते हैं। आप सोचते हैं कि आपको एक महंगी कार और बढ़िया घड़ी की जरूरत है। लेकिन शायद जो आपको चाहिये वह सम्मान और प्रशंसा है। और उन्हें प्राप्त करने की अधिक संभावना दया और विनम्रता के द्वारा है बजाये हॉर्सपावर और क्रोम के।
8. बचत कीजिये। बस बचत कीजिये। आपको बचत के लिये किसी विशेष कारण की आवश्यकता नहीं है।
कैश, एडवांस पेमेंट या फिर किसी मेडिकल इमरजेंसी के लिये बचत करना अच्छा है। लेकिन उन चीजों के लिए बचत करना जिन्हें परिभाषित करना या जिन का अनुमान लगाना असंभव है, यह बचत करने के सबसे अच्छे कारणों में से एक है। हर किसी का जीवन अनअक्सेप्टेड चीजों की एक जंजीर है। बिना किसी विशेष उद्देश्य के लिये की गई बचत जीवन मे निश्चित रूप से उस समय काम आती है जब कुछ अनअक्सेप्टेड हो जाता है।
9. सफलता के मूल्य को परिभाषित करें और फिर उसे चुकाने को तैयार रहें।
क्योंकि कोई भी लाभदायक चीज मुफ्त में नहीं मिलती। और याद रखिए अधिकतर फाइनेशियल मूल्यों पर सीधा प्राइस टैग नहीं होता। और अनिश्चितता, दुविधा, और पछतावा फाइनेंस की दुनिया में आम मूल्य है। और वे अक्सर चुकाने योग्य होते हैं। लेकिन आपको उन्हें जुर्माने के बजाय शुल्क के रूप में देखना चाहिये।
10. गलती के स्थान की आराधना करें।
भविष्य में क्या हो सकता है और आप अच्छा प्रदर्शन करने के लिए क्या होते देखना चाहते हैं, इसके बीच का अंतर आपको सहनशीलता प्रदान करता है, और सहनशीलता समय के साथ कंपाउंडिंग को जादुई बना देती है। गलती के लिये स्थान अक्सर रूढ़ीवादी बचाव के जैसा नजर आ सकता है, लेकिन अगर यह आपको खेल में बनाये रखता है तो यह वापस अपने मूल्य का कई गुना भुगतान कर सकता है।
11. फाइनेशियल डिसीजंस की चरम सीमा से बचें।
समय के साथ हर किसी के लक्ष्य और इच्छाएं बदल जाते हैं, और जितने चरम आपके अतीत के डिसीजन होंगे, आगे बढ़ने पर उतना ही ज्यादा आपको उन पर पछतावा होगा।
12. आपको जोखिम को पसंद करना चाहिये क्योंकि यह समय के साथ लाभ प्रदान करता है।
लेकिन आपको विनाशकारी जोखिम से बचना चाहिये क्योंकि यह आपको भविष्य में वे जोखिम लेने से रोकता है जो अच्छा लाभ चुका सकें।
13. जो खेल आप खेल रहे हैं, उसे डिफाइन करें।
और ध्यान रखें कि आपका बिहेवियर उन लोगो से प्रभावित न हो जो आपसे अलग खेल खेल रहे हैं।
14. अव्यवस्था का आदर करें।
होशियार, जानकार, और लॉजिकल लोग फाइनेंस में एक दूसरे से असहमत हो सकते हैं, क्योंकि लोगों के लक्ष्य और इच्छाएं एक दूसरे से बहुत अलग होते हैं। कोई एकमात्र सही उत्तर नहीं होता, बस वह जो आपके लिए काम करता है
The Psychology Of Money By Morgan Housel

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