Editor's Desk | 10 July 2022, 09:50 AM IST

बुरी आदतों को कैसे छोड़ें?

इस Paragraph के अंदर आपको कुछ ऐसी चीज़ पता चलने वाली है जिसके बाद I am sure आप जिस आदत को चाहो उसे छोड़ सकते हो जिस आदत को चाहो बना सकते हो। क्योंकि आपको वो चीज समझ आजाएगी जिसके बाद आपको कुछ और समझने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
तो शुरू करते हैं आपकी कोई भी आदत है जिसे आप छोड़ना चाहते हो चाहें वो सोशल मिडिया पर टाइम वेस्ट करने की आदत हो , गेम खेलने की लत हो , ज्यादा सोने की आदत हो , प्रॉन वीडियो देख कर मास्टरबेशन करने की लत हो, एल्कोहल पीने की लत हो , स्मोकिंग करने की लत हो , या फिर ज्यादा खाने की लत हो , चाहें आपकी कोई भी बुरी आदत हो जिसे आप छोड़ना चाहते हो , तो आपको सबसे पहले ये समझना होगा की इनकी शुरुआत कहा से होती है? हमारी लाइफ में , अगर आपने एक बार यह समझ लिया कि किसी भी चीज की शुरुआत कहां से होती है ! तो कोई भी चीज समझना आपके लिए एक खेल बन जायेगा।
किसी भी चीज का जो एडिक्शन होता है उसकी शुरुआत कहा से होती , उसकी शुरुआत होती आपके सेंसस से जैसे कि आपकी आखें , आपके कान , आपका नाक , आपकी जुबान , और आपकी त्वचा यहां से जो डेटा जो इनफॉर्नेशन होती है , वो आपके माइंड में जाती हैं ,और जैसे ही वो बार बार जाना शुरू होती है तो वो आपके सबकॉन्शियस माइंड में बेहठ जाती हैं ।और यहीं से सारा खेल शुरू होता है , अब ये डेटा आपके सबकॉन्शियस माइंड में जाता कैसे हैं ? और आपके सबकॉन्शियस माइंड में बैठता कैसे हैं वो समझते हैं।
जब आप पहली बार प्रॉन वीडियो देखते , मास्टरबेशन करते हैं , गेम खलते हैं , सोशल मीडिया का यूज करते है, पहली बार स्मोकिंग करते हैं, पहली बार अल्कोहल लेते हैं , तब वो डेटा यानी कि इनफॉर्मेशन आपके माइंड में जाति और जब ये बार बार जाति हैं। तो आपके सबकॉन्शियस माइंड में बैठ जाती हैं। और हम इस इनफॉरमेशन को बार-बार क्यों जाने देते हैं क्योंकि की यार पोर्न वीडियो देखने से, स्मोकिंग करने से ,एल्कोहल पीने से, गेम खेलने से, मजा आता है , टेंपरेरी खुशी मिलती है, तो फिर आपका सबकॉन्शियस माइंड आपके न चाहते हुए भी वो काम आप से करवा ही लेता है कोई ना कोई लॉजिकल ट्रिगर दे के, और उसके बाद आप अपने आप को ना चाहते हुए भी ,स्मोकिंग करने से , प्रॉन वीडियो देखने से, वीडियो गेम खेलने से, सोशल मीडिया को देखने से रोक नहीं पाते हों, क्योंकि अब आपका कंट्रोल आपके सबकॉन्शियस माइंड के पास हैं , जो आपको जब चाहे तब कंट्रोल कर सकता है ।
तो अब बात करते हैं की आखिर इस सबकॉन्शियस माइंड को कंट्रोल करने का प्रैक्टिकल तरीका क्या है ?? पहली बात तो ये है की आप अपने सबकॉन्शियस माइंड को कभी कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। आप केवल और केवल अपने कॉन्शियस माइंड को कंट्रोल कर सकते हो , कॉन्शियस माइंड को कंट्रोल करने का मतलब यह है कि आप अपने सेंसेस को consciously कंट्रोल कर सकते हो जहा से ये सारा खेल शुरू होता है । क्या होगा अगर आप कॉन्शियसली पोर्न वीडियो देखना छोड़ दो , कॉन्शियसली गेम खेलना छोड़ दो कॉन्शियसली एल्कोहल पीना छोड़ दो, कॉन्शियसली स्मोकिंग करना छोड़ दो, कॉन्शियसली ज्यादा खाना छोड़ दो।
अब यह समझते हैं कि ये कॉन्शियस माइंड क्या है ? जब भी आप कुछ देखते हो अपनी आंखों से, कुछ सुनते हो अपने कानों से ,कुछ खाते हो अपने मुंह से, कुछ सुनते हो अपने कान से कुछ चीजों को छूते हो, उनको कॉन्शियसली देखना, सुनना , टच करना , छोड़ दो। यानी की अपने सेंसस पर पूरी तरह से कंट्रोल मतलब की कॉन्शियसली ना कुछ गलत देखना है , ना कुछ गलत पढ़ना है, ना कुछ गलत सुनना है , ना कुछ गलत चीजों को छूना है।
और अगर आपने हर वक्त कॉन्शियसली इस चीज की प्रैक्टिस कर ली अपने सेंसस को कंट्रोल कर के किसी भी चीज को अपने अंदर नहीं जाने दिया, यानी कि डेटा को इनफॉरमेशन को अपने अंदर नहीं जाने दिया बार-बार उसको, अपने अंदर जाने से रोका, यानी कि किसी भी चीज को देखने से आपने अपने आप को कॉन्शियसली रोक लिया, किसी भी चीज को छूने से अपने आप को कॉन्शियसली रोक लिया ,किसी भी गलत चीजों को पीने से अपने आप को कॉन्शियसली रोक लिया, किसी भी गलत चीजों को पढ़ने से आपने अपने आप को कॉन्शियसली रोक लिया । तो आपके अंदर ना वो चीजें बार-बार जाएगी और ना वो आपके सबकॉन्शियस माइंड के अंदर बैठेगी।
और जब ऐसा होगा तो आपका सबकॉन्शियस माइंड आपको कंट्रोल नहीं कर पाएगा। क्योंकि उस वक्त आप कॉन्शियसली हर एक चीज को पढ़ेंगे, सुनेंगे ,देखेंगे ,किसी भी चीज को छुएगे। और जब ऐसा होगा तो आप वो कर पाओगे जो आप कॉन्शियसली करना चाहते हैं। इस चीज की आपको थोड़ी सी प्रैक्टिस करनी होगी, हर चीज को देखने से पहले आपको कॉन्शियसली सोचना होगा , कि मुझे इस चीज को देखना है या नहीं, किसी भी चीज को खाने से पहले आपको यह सोचना होगा , कि मुझे यह खाना है या नहीं खाना है , कॉन्शियसली किसी भी चीज को पढ़ने से पहले आपको सोचना है कि मुझे यह पढ़ना चाहिए या नहीं पढ़ना चाहिए, कॉन्शियसली।
और जब आपने किसी भी चीज को देखने से पहले, सुनने से पहले, खाने से पहले ,पीने से पहले ,किसी भी चीज को पढ़ने से पहले। आपने कॉन्शियसली उसके सही और गलत को समझ लिया तो आप जो चाहे वो करवा सकते हो अपने माइंड से । अब यहां पर आपको कॉन्शियसली किसी भी चीज की प्रैक्टिस करने से पहले आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि कोई भी चीज करनी क्यों? सही है! और कोई भी चीज करनी क्यों ?गलत है । यानी कि कोई भी चीज आपको छोड़नी क्यों है ??
इसके लिए आपको सिंपल सा एक वाइट पेपर उठाना है और लिखना है कि मुझे यह चीज क्यों छोड़नी है ?? उसके उसके बाद नीचे राइट साइड में लिखना है जो चीज आप कर रहे हो , जिसे आप छोड़ना चाहते हो ,उसके बेनिफिट क्या है ? और लेफ्ट साइड में जो चीजें आप छोड़ना चाहते हो उसको अगर नहीं छोड़ा तो नुकसान क्या है? चाहे आपकी कोई भी बुरी आदत हो पोर्न वीडियो देखना हो , मास्टरबेशन करना हो , गेम खेलने की लत हो ,ज्यादा खाने की लत हो, ज्यादा सोने की लत हो ,या कोई भी ऐसी बुरी आदत जिसे आप छोड़ना चाहते हो आप उसे छोड़ सकते हो अगर आपने कॉन्शियसली इस चीज की प्रैक्टिस कर दी तो।
सारा खेल आपके कॉन्शियस माइंड का है आपके कॉन्शियस माइंड के बाद ही आपका सबकॉन्शियस माइंड exist करता है :
“you conquer your consciousness
you conquer everything” – NKS
Action Formula

1. Step > आप बुरी आदतों को क्यों छोड़ना चाहते हैं?

2. Step> अगर आप अपनी बुरी आदतों को छोड़ देते हैं तो क्या चेंज आएगा आपकी लाइफ में?

3. Step> अगर आपने अपनी बुरी आदतों को नहीं छोड़ा तो क्या हो सकता है आपकी लाइफ में?

Video Link How To Quit Bad Habits? बुरी आदतों को कैसे छोड़ें?

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